नीलकंठ और रामसूरत की मुलाकात
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नीलकंठ कुछ कुछ मेरे जैसा है। रुपया में बारह आना। वह भी नौकरशाह रहा। पांच
सात हजार कर्मचारियों का नियंता। अब वह करुणेश जी के ‘रामेश्वर धाम’ पर बतौर
प्रबंधक ...
8 hours ago
1 comment:
चलेगी कहाँ तक सियासत तुम्हारी
सभी को पता है शराफत तुम्हारी
बहुत हो चुका अब न वादे करो तुम
की हम जानते हैं हकीकत तुम्हारी.
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