चलेगी कहाँ तक सियासत तुम्हारी सभी को पता है शराफत तुम्हारीबहुत हो चुका अब न वादे करो तुमकी हम जानते हैं हकीकत तुम्हारी.
चलेगी कहाँ तक सियासत तुम्हारी
ReplyDeleteसभी को पता है शराफत तुम्हारी
बहुत हो चुका अब न वादे करो तुम
की हम जानते हैं हकीकत तुम्हारी.