प्रेम ‘पाप’ नहीं मगर….ठीक नहीं ‘वासना में वास’
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डॉ घनश्याम बादल एक पक्ष द्वारा बरसों से 14 फरवरी यानि वैलेंटाइन दिवस का
भारतीय संस्कृति के अनुरूप न होने की वजह से अश्लीलता एवं भौतिक प्रेम तथा देह
तक स...
1 hour ago
1 comment:
चलेगी कहाँ तक सियासत तुम्हारी
सभी को पता है शराफत तुम्हारी
बहुत हो चुका अब न वादे करो तुम
की हम जानते हैं हकीकत तुम्हारी.
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